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सरबजीत जो अब इस दुनिया मे नहीं हे वो सायद हमारे गुप्तचर विभाग के द्वारा ही पाकिस्तान भजे गये थे यह बात पिछले दिनों मीडया के जरिये देकने को और सुनने मे मिली थी और पाकिस्तान दकस इस बात का पूरा यकीन भी था इस बात का तथ्य यह हे की पिछले दिनों सरबजीत की रिहाई की बाते हुई थी और वो कोट लखपतराय जेल पाकिस्तान से रिया हो कर भारत आने भी वाले थे मगर रिहाई के वकत पर इन की जगह सुरजीत को रिहा कर दिया गया था जो पाकिस्तान की मनसा को साफ दर्शाता हे की वो सरबजीत को कभी भी जिन्दा नहीं आने देगे कयोकि उन्हें अपने देस की ख़ुफ़िया जानकारी भारत पहुचने का डर था सरबजीत ने वहा बाईस साल आठ महिने तिन दिन यातनाओ को सहते हुवे बिताये कयोकि पाकिस्तान ख़ुफ़िया एजंसी उनसे सब उगलवाना चाहती थी और उन के दवारा किये गये हत्यचारो और दी गई यातनाओ से ही उन की मोत हुई होगी जिसे इन्होने जेल मे हुवा झगडा बना दिया ताकि अपनी तरफ उठने वाली उंगलियों को रोका जासके जबकी कोई भी देस ये नहीं चाहेगा की उस के देस में जासुसी के नाम पर पकड़ा गया मुजरिम सकुसल अपने वतन लोटे सरबजीत के साथ की गई करुर्ता का पता पोस्टमास्टरम की रिपोर्ट ही बता रही हे जो की पोस्टमास्टरम करने वाली टीम के मुखिया डा गुरमंजित राय ने दी हे की सरबजीत उस के साथ कितना जुलम हुवा हे सरबजीत के सिर जबड़े कान और होठो पर हेवी बलट वेपन से वार किया गया जिस से खोपड़ी की हडी टूट गई और गहरी दिमाक तक चोट पहुँची साथ ही पन्सलियो पर भी वार किये गये और सिर की धातक चोटों से सरबजीत की मर्तु हुई ह नाकी दिल की धड्कन बंद होने से और यह घाव छ सात दिन पुराने थे और शारीर से दोनों किडनी दिल व अन्य अंग गायब थे पाकिस्तान के जीना हस्पताल ने पोस्टमास्टरम की रिपोर्ट भारत को नहीं दी सिर्फ मर्तुयु परमान पत्र ही सोपा हे यही नहीं कई जगह टांके भी लगाये गये थे और कई घाव को खुला छोड़ दिया गया था यह सब बाते पाकिस्तान की सोची समझी चाल की और इसरा नहीं करती हे की वो कभी भी सरबजीत को भारत जिन्दा वापिस नहीं भेजना चाहते थे और यह बाते इस बारे में घोर मंथन करने पर सामने नही आती ही
जय भगवान सिंह कादयान
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