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मौजों से टकराता चल,

Sarm karo sarm
Sarm karo sarm
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दम है गर तुझमे तो खुद
अम्बर ही सहारा देगा,
खुदा है कही तो तुझे भी,
बेशक इक नज़ारा देगा.
उम्मीद का ये दामन बस यु
ही थामे रखना,
अभी जो छुपा है वही तुम्हे
कभी इशारा देगा.
छोड़ साहिल के सपने,
मौजों से टकराता चल,
जय भगवान सिंह कादयान

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