Menu
blogid : 14088 postid : 48

खूब रोया होगा बदगी को बेच कर

Sarm karo sarm
Sarm karo sarm
  • 64 Posts
  • 3 Comments

रोशनी को बेच कर
खूब रोया होगा बदगी को बेच कर
एक माली कली को बेच कर
एक तबायफ पैट भरती हे यहाँ
रोज अपनी बेबसी को बेच कर
यह भी सोदा फायेदा का हे बहुत
तू मिले अगर जिन्दगी को बेच कर
ला सका तो तेरी खुसिया ले आउगा मे
आज मे अपनी खुसिया भी को बेच कर
रातभर अँधेरे में तडफता रहा
एक सूरज अपनी रोशनी को बेच कर
जय भगवान सिंह कादयान

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply