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चमकते सितारे भी मिलेगे

Sarm karo sarm
Sarm karo sarm
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चमकते सितारे भी मिलेगे
मजधार मिलेगी तो किनारे भी मिलेगे
डूबते को तिनके के सहारे भी मिलेगे
अँधेरी रात मे महज अँधेरा ही नहीं हे
इस अँधेरे में चमकते तारे भी मिलेगे
उजड़े हुवे इस चमन को जरा गोर से देखो
सायद बचे हुवे कुछ हँसी नज़ारे भी मिलेगे
नजरो मे नाराजगी देख तुम निरास न हो
कभी इन से मोहबत के इसारे भी मिलेगे
यहाँ पर किसी को दुश्मनो ने मारा हे तो किसी को दोस्तो ने और कुछ ज़माने के भी मारे हुवे भी मिलेगे
यह केवल राख का ढेर ही नहीं हे
इसमे छूपे कुछ अंगारे भी मिलेगे
जय भगवान सिंह कादयान

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