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मेरे साले की सादी और पुत्र परापति की चिठी एक साथ आई बच्चो ने पूछा की मामाजी क्या यह देहज में ही पा गये हम ने छान बिन करवाई तो पता चला की साले साहब की पतनी का करेक्टर बहुत ही अच्छा हे मगर डाक विभाग ने यह चतुरायी हे दिखाई सादी की चिठी को दो साल बाद पुत्र परापती के ठीक समय पर एक साथ ही हे हमारे घर पहुचाई अनपड जमाई सजा आँखों पर काला चस्मा पहन जूते ऊंचे अनपड जमाई राजा जब ससुराल पहुंचे तो उन का सवागत करने उन की सासु माँ बठेक में पधारी तब उन्होंने बहुत ही लुभावने अंदाज से अनेक उतारी खुर्सी पर बैठते ही जेब से मोबाइल फॊन निकाला और सासु माँ पर रोब झाड़ने के लिए मेज पर पड़ा अग्रेज़ी का अख़बार उठाया यह सब देख सासु माँ गर्व से फूल गई मारे खुशी के सब कुछ भूल गई ममता से हो वन्सीभुत पुन जमाई बेटे का सिर पुचकार दिया लकिन जमाई राजा ने फट बाल सवारने के लिए जेब से कंघा निकाल लिया सासु माँ के बहार जाते ही साली साहिबा अन्दर आई और जीजू को देखते ही चीलाई पर जीजू तो अखबार मे खोये थे साली समजदार थी सब जान गई जीजू की असलियत पहचान गई बोली नाटक करो तो डंग से किया करो अखबार तो सिधा पकड लिया करो
जय भगवान सिंह कादयान
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