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क्या आज लोकतन्तर की जबाब देही यही रह गयी हे
आज जेबीटी मामले में माननिये ओमपरकाश चौटाला जी की अंतरिम जमानत की सुप्रीम कोर्ट में पेसी थी मगर माननिये जज मूकता गुप्ता ने सुनवाई पर साफ मना कर दिया और केस को चीफ जस्टिस के पास टारंस्फ़र करते हुवे इस केस को लेने से मना कर दिया हे अब तक इस केस में तिन जज बदले जा चुके हे और इस सारे केस की अब तक की सुनवाई मूकता गुप्ता जज ने ही की थी और पहले उन्हें इस केस से हटा दिया गया था और यह केस जे पी मितल जी को दे दिया गया था जो इन्होने एस पी गर्ग को टारंस्फ़र कर दिया था और उन्होंने वापीस मूकता गुप्ता को टारंस्फ़र कर दिया था यह केस फुटबाल का खेल बना नजर आता हे क्या यही लोकलाज और लोकलाज से चलने वाला कानून हे जिन जजों को यह केस दिया जाता हे या तो वो अपना टारंस्फ़र करवा लेते हे या फिर छुटी पर चले जाते हे मतलब साफ हे की इस केस से पला झाड़ रहे हे और तारीखों पर तारीख दिए चले जा रहे हे इस सब को देख कर क्या यह नहीं लगता की सरकार क्या चहाती हे इस मामले को हर रोज तारीखों पर लटकाने की जब्बाब देही आखिर किस की हे इशी तरह ना जाने आज कितने ही केस कोर्टो में लमबित पड़े हे और महज एक तारीख बन कर रह गए हे क्या यही हे वो हमारे देस का कानून क्या यही हे आज का लोक्तन्तर अब इस केस की सुनवाई के लिए 15 मई की रखी गई हे दखते हे अब यह केस किस जज को सोपा जाता हे और वह भी इस पर सुनवाई करता हे या यह फ़ाइल् किसी और जज के पास टारंस्फ़र हो कर एक नई तारीख बन कर सामने आती हे
जय भगवान सिंह कादयान
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